Chatting me pyar ho gya
चैटिंग के बाद हो गया है प्यार
सोना नाम है उसका , जिससे मैं बहुत प्यार करता हूं और वह भी मुझे उतना ही प्यार करती है। शायद हमारी किस्मत में मिलना नहीं लिखा है। दरअसल वह बहुत मजबूर है अपने हालात से। हमारी पहली मुलाकात चैटिंग के जरिए हुई थी और पता भी नहीं चला कि हम कब एक-दूसरे के करीब आ गए। एक दिन उसने अपना फोन नम्बर दिया और तब से हम फोन पर घंटों बातें करने लगे। फिर एक दिन हमने तय किया कि हम कहीं मिलते हैं। मैं मुम्बई में रहता हूं और वह इंदौर में। इस साल 10 जनवरी को मैं उससे मिला भी। क्या बताऊं , एक तो पहले से ही मैं उससे प्यार कर बैठा था और मिलने के बाद तो मैं उसका कायल हो गया। पता नहीं कि वह सुन्दर है या नहीं , पर मुझे बहुत अच्छी लगती है। क्योंकि मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। उसका कद 5 फुट 10 इंच है , आंखें बड़ी-बड़ी और खूबसूरत।
बस एक बार ही मिले हम , लेकिन उस मुलाकात को मैं कभी नहीं भूल सकता। सुबह 10 बजे से रात के 8 : 30 बजे तक मैं उसके साथ था। उसने मुझे पूरे इंदौर की सैर करा डाली। अपने फेवरिट आइसक्रीम पार्लर में ले जाकर उसने मुझे फालूदा आइसक्रीम खिलाई। फिर वह अपनी बचपन की फ्रेंड के यहां भी मुझे लेकर गई। हमने साथ में (तारे ज़मीन पर) फिल्म भी देखी। सच कहूं तो उसके साथ बिताया हर एक पल मेरे दिमाग में घूमता रहता है। आज भी लगता है मानो मैं उसके साथ ही घूम रहा हूं। बहुत ज़्यादा भावुक लड़की है वह। फिल्म देखते-देखते रो पड़ी थी , पर खुद को हमेशा मजबूत दिखाने की कोशिश करती है।
जो कुछ भी हमारे साथ हुआ वह नहीं होना चाहिए था , क्योंकि हम कभी मिल नहीं सकते हैं। तो क्या हुआ..क्या हमारे रिश्ते को किसी बंधन की ज़रूरत है ? नहीं , हमारा प्यार सच्चा है और हमें प्यार को किसी भौतिक बंधन की ज़रूरत नहीं है। वह बहुत कोशिश करती है कि मुझसे दूर चली जाए , पर हर बार नाकामयाब होती है। मैं भी चाहता हूं कि उसकी लाइफ से चला जाऊं , लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। वह बहुत रोती है , क्योंकि वह भी मेरे बगैर नहीं रह सकती। पर , फिर भी उसे सब भूलना ही पड़ेगा। उसको उसके परिवार वालों की बहुत टेंशन रहती है। उसकी दो छोटी बहनें हैं। उन दोनों की भी जिम्मेदारी उसपर ही है। ऐसे में वह कैसे मेरा साथ दे सकती है ? हमारा मिलना कभी संभव नहीं हो पाएगा , लेकिन सच तो यह है कि हम एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं और यही हमारे रिश्ते की सच्चाई है।
Raaz choudhary
सोना नाम है उसका , जिससे मैं बहुत प्यार करता हूं और वह भी मुझे उतना ही प्यार करती है। शायद हमारी किस्मत में मिलना नहीं लिखा है। दरअसल वह बहुत मजबूर है अपने हालात से। हमारी पहली मुलाकात चैटिंग के जरिए हुई थी और पता भी नहीं चला कि हम कब एक-दूसरे के करीब आ गए। एक दिन उसने अपना फोन नम्बर दिया और तब से हम फोन पर घंटों बातें करने लगे। फिर एक दिन हमने तय किया कि हम कहीं मिलते हैं। मैं मुम्बई में रहता हूं और वह इंदौर में। इस साल 10 जनवरी को मैं उससे मिला भी। क्या बताऊं , एक तो पहले से ही मैं उससे प्यार कर बैठा था और मिलने के बाद तो मैं उसका कायल हो गया। पता नहीं कि वह सुन्दर है या नहीं , पर मुझे बहुत अच्छी लगती है। क्योंकि मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। उसका कद 5 फुट 10 इंच है , आंखें बड़ी-बड़ी और खूबसूरत।
बस एक बार ही मिले हम , लेकिन उस मुलाकात को मैं कभी नहीं भूल सकता। सुबह 10 बजे से रात के 8 : 30 बजे तक मैं उसके साथ था। उसने मुझे पूरे इंदौर की सैर करा डाली। अपने फेवरिट आइसक्रीम पार्लर में ले जाकर उसने मुझे फालूदा आइसक्रीम खिलाई। फिर वह अपनी बचपन की फ्रेंड के यहां भी मुझे लेकर गई। हमने साथ में (तारे ज़मीन पर) फिल्म भी देखी। सच कहूं तो उसके साथ बिताया हर एक पल मेरे दिमाग में घूमता रहता है। आज भी लगता है मानो मैं उसके साथ ही घूम रहा हूं। बहुत ज़्यादा भावुक लड़की है वह। फिल्म देखते-देखते रो पड़ी थी , पर खुद को हमेशा मजबूत दिखाने की कोशिश करती है।
जो कुछ भी हमारे साथ हुआ वह नहीं होना चाहिए था , क्योंकि हम कभी मिल नहीं सकते हैं। तो क्या हुआ..क्या हमारे रिश्ते को किसी बंधन की ज़रूरत है ? नहीं , हमारा प्यार सच्चा है और हमें प्यार को किसी भौतिक बंधन की ज़रूरत नहीं है। वह बहुत कोशिश करती है कि मुझसे दूर चली जाए , पर हर बार नाकामयाब होती है। मैं भी चाहता हूं कि उसकी लाइफ से चला जाऊं , लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। वह बहुत रोती है , क्योंकि वह भी मेरे बगैर नहीं रह सकती। पर , फिर भी उसे सब भूलना ही पड़ेगा। उसको उसके परिवार वालों की बहुत टेंशन रहती है। उसकी दो छोटी बहनें हैं। उन दोनों की भी जिम्मेदारी उसपर ही है। ऐसे में वह कैसे मेरा साथ दे सकती है ? हमारा मिलना कभी संभव नहीं हो पाएगा , लेकिन सच तो यह है कि हम एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं और यही हमारे रिश्ते की सच्चाई है।
Raaz choudhary
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